50% की बढ़ोतरी के साथ पूर्ण पेंशन योजना की नई खुशखबरी, जाने सुप्रीम कोर्ट का नया आदेश DA Old Pension

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DA Old Pension: भारत में सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन व्यवस्था में दो प्रमुख योजनाएँ रही हैं – पुरानी पेंशन योजना और नई पेंशन योजना। पुरानी पेंशन योजना के तहत, सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलता था।

इस योजना में कर्मचारी के निधन के बाद भी उनके परिवार को पेंशन मिलती रहती थी। 1 अप्रैल 2004 को इस योजना को बंद कर दिया गया और इसकी जगह नई पेंशन योजना या राष्ट्रीय पेंशन योजना लागू की गई।

राष्ट्रीय पेंशन योजना की विशेषताएँ

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राष्ट्रीय पेंशन योजना में कर्मचारी और सरकार दोनों योगदान करते हैं। इस योजना के तहत, सेवानिवृत्ति पर कर्मचारी को एकमुश्त राशि मिलती है, जो उनके और सरकार के योगदान पर निर्भर करती है। हालाँकि, इस योजना में पुरानी पेंशन योजना जैसी सुरक्षा और निश्चितता नहीं है, जिसके कारण कर्मचारी संगठन पुरानी पेंशन योजना की वापसी की मांग कर रहे हैं।

पुरानी पेंशन योजना के फायदे

पुरानी पेंशन योजना कर्मचारियों के लिए कई लाभ लेकर आती थी। इसमें सबसे बड़ा फायदा यह था कि रिटायरमेंट के बाद वेतन का आधा हिस्सा पेंशन के रूप में मिलता था। इसके अलावा, समय-समय पर महंगाई भत्ते में वृद्धि के साथ पेंशन की राशि भी बढ़ती थी। कर्मचारी के निधन के बाद उनके परिवार को भी पेंशन मिलती रहती थी, जो उनकी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करती थी।

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राज्यों द्वारा पुरानी पेंशन योजना की बहाली

हाल के दिनों में कुछ राज्य सरकारों ने पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने का निर्णय लिया है। महाराष्ट्र सरकार ने इस संबंध में आधिकारिक घोषणा की है, जबकि पंजाब और छत्तीसगढ़ सरकारें भी इस दिशा में कदम उठा रही हैं। यह कदम कर्मचारियों की मांगों को देखते हुए उठाया गया है, जिससे उनकी सेवानिवृत्ति के बाद की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

सुप्रीम कोर्ट ने पेंशन को कर्मचारियों का अधिकार माना है। न्यायालय का मानना है कि राजनीतिक दलों को पेंशन जैसे मुद्दों का उपयोग मतदाताओं पर दबाव बनाने के लिए नहीं करना चाहिए। साथ ही, कोर्ट ने यह भी कहा है कि आंदोलन और धरना प्रदर्शन के बीच संतुलन बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

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कर्मचारी संगठनों का आंदोलन

पुरानी पेंशन योजना की वापसी के लिए कर्मचारी संगठन लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में, राज्य कर्मचारी एवं निवासी संयुक्त संघर्ष समन्वय समिति ने 30 अक्टूबर से चरणबद्ध आंदोलन शुरू करने की घोषणा की है। इसके साथ ही, दिल्ली में तीन दिवसीय धरना प्रदर्शन भी आयोजित किया जाएगा।

पुरानी पेंशन योजना और नई पेंशन योजना के बीच का विवाद लंबे समय से चला आ रहा है। कर्मचारियों की सुरक्षा और निश्चितता की मांग के चलते कुछ राज्य सरकारों ने पुरानी योजना को फिर से लागू करने का निर्णय लिया है। हालाँकि, केंद्र सरकार की ओर से अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में सरकार इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है और कर्मचारियों की मांगों को किस प्रकार संबोधित करती है।

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