crop insurance: फसल बीमा किसानों के लिए एक बहुत बड़ा सुरक्षा कवच है। इसलिए, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना किसानों की आमदनी को सुरक्षित करती है और प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बचाती है।
योजना का उद्देश्य
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की फसलों को बीमा सुरक्षा प्रदान करना है। यह योजना खरीफ और रबी दोनों मौसमों की फसलों को कवर करती है। साथ ही, मौसम, सूखा, बाढ़ आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले फसल नुकसान के लिए मुआवजा भी देती है।
इस योजना में भागीदारी उधारकर्ता और गैर-उधारकर्ता दोनों किसानों के लिए स्वैच्छिक है। साथ ही, जो किसान पट्टे पर खेती करते हैं, वे भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
कवर की जाने वाली फसलें
बीमा कवरेज धान, ज्वार, बाजरी, मूंग, उड़द, अरहर, मक्का, मूंगफली, केला, तिल, सूरजमुखी, सोयाबीन, कपास, खरीफ प्याज जैसी फसलों के लिए लागू है। साथ ही, रबी सीजन के गेहूं, रबी ज्वार, चना, ग्रीष्मकालीन चावल, ग्रीष्मकालीन मूंगफली, रबी प्याज को भी इसके दायरे में लाया गया है।
महाराष्ट्र सरकार के नए फैसले के अनुसार, अब किसान सिर्फ 1 रुपया देकर इस योजना में शामिल हो सकते हैं। योजना में किसानों की किश्तों की शेष राशि का भुगतान राज्य सरकार करेगी। इससे पहले, किसानों को खरीफ सीज़न के लिए बीमा राशि का 2%, रबी सीज़न के लिए 1.5% और नकदी फसलों के लिए बीमा राशि का 5% प्रीमियम देना पड़ता था।
आवेदन प्रक्रिया
किसान फसल बीमा योजना की वेबसाइट पर जाकर या ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक सेवा केंद्रों पर जाकर योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
पिछले साल सितंबर और अक्टूबर में हुई भारी बारिश और बाढ़ के कारण किसानों की फसलों को व्यापक नुकसान हुआ था। इस नुकसान की भरपाई के तौर पर ईसके तहत किसानों को 13,600 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। करीब १० जिलों के प्रभावित किसानों को ३ हेक्टेयर की सीमा में 13,600 रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा दिया जाएगा। दस जिलों के प्रभावित किसानों को तीन हेक्टेयर की सीमा में 13,600 रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा दिया जाएगा।
सरकार के इस नए फैसले से किसानों पर कोई आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा और वे फसल बीमा योजना का लाभ उठा सकेंगे। किसानों को इस अवसर का पूरा लाभ उठाना चाहिए और अपनी फसलों का बीमा कराना चाहिए। यह योजना उनकी आमदनी को सुरक्षित करने और भविष्य में होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करेगी।
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